मैं रखता हूँ दिल तुम्हारा साथ अपने ( मैं रखता हूँ इसे अपने दिल में )
मैं नहीं होता इसके बिना कभी ( कहीं भी जाऊँ मैं, जाती हो तुम, ओ प्रिय
और जो कुछ भी होता है हाथों मेरे , होता है वो किया तुम्हारा, मेरी प्रिये ) ।
मैं नहीं होता इसके बिना कभी ( कहीं भी जाऊँ मैं, जाती हो तुम, ओ प्रिय
और जो कुछ भी होता है हाथों मेरे , होता है वो किया तुम्हारा, मेरी प्रिये ) ।
मैं डरता हूँ नहीं किसी नियति से ( कि तुम हो मेरी नियति , मेरी मिष्ठी )
मैं चाहता हूँ नहीं कोई दुनिया ( कितनी सुंदर हो तुम मेरी दुनिया , मेरी खरी )
और ये तुम हो जो कुछ कभी अर्थ रहा है चाँद का
और जो कुछ हमेशा से सूरज गाता है तुम हो ।
मैं चाहता हूँ नहीं कोई दुनिया ( कितनी सुंदर हो तुम मेरी दुनिया , मेरी खरी )
और ये तुम हो जो कुछ कभी अर्थ रहा है चाँद का
और जो कुछ हमेशा से सूरज गाता है तुम हो ।
ये है वो रहस्य गहरा , नहीं कोई जानता
( ये है जड़ की जड़ और कोंपल कोंपल की
और आकाश का भी आकाश उस वृक्ष का
जीवन कहलाता है जो , जाता है उसके आगे जो
उम्मीद कर सकती है आत्मा या छुपा सकता है मन )
और ये है वो आश्चर्य जो रखता है तारों को पृथक ।
( ये है जड़ की जड़ और कोंपल कोंपल की
और आकाश का भी आकाश उस वृक्ष का
जीवन कहलाता है जो , जाता है उसके आगे जो
उम्मीद कर सकती है आत्मा या छुपा सकता है मन )
और ये है वो आश्चर्य जो रखता है तारों को पृथक ।
मैं साथ रखता हूँ दिल तुम्हारा ( मैं रखता हूँ इसे अपने दिल में ) ।
Transalted from
I carry your heart with me ( i carry it in my heart ) -- E.E.Cummins
I carry your heart with me ( i carry it in my heart ) -- E.E.Cummins
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