Dec 29, 2014

Alone With Everybody -- charles bukowski


अकेला सभी के साथ :
कोई माँस ढक लेता है किसी हड्डी को 
और वो लगा देते हैं एक मन वहाँ
कभी कभी एक आत्मा ,
और औरतें तोड़ देती हैं
गुलदान दीवारों से मार कर
और आदमी पीते हैं
बहुत ज्यादा
और किसी ने नहीं पाया उसे
पर लगे रहते हैं
तलाश में
रेंगते अन्दर और बाहर
बिस्तर के .
माँस ढक लेता है हड्डी को
और माँस तलाशता है
माँस से कुछ ज्यादा .
कोई संभावना नहीं है
वहाँ थोड़ी भी :
हम सभी फाँसे जा चुके हैं
एक ही भाग्य द्वारा .
किसी ने भी
कभी नहीं पाया उसे .
कचरागाह भरते हैं
कबाड़खाने भरते हैं
पागलखाने भरते हैं
अस्पताल भरते हैं
कब्रिस्तान भरते हैं
और नहीं कुछ भरता .

Alone With Everybody -- charles bukowski

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