Feb 20, 2015

पुरस्कार


उनके पास बहुत से हैं
सो वो दे देते हैं या बाँट देते हैं
कि पुरस्कार
अहंकार है देने वालों का
सम्मान के वस्त्रों में
अपने कोषागार में से
वो बाँट देते हैं एक अंश अपने दंभ का ।
ये उत्सुकता है पाने की
कुछ पा जाने की ललक
हर उस चीज के लिए जो बँट रही हो
महत्वपूर्ण है कितना मिल रहा है
क्या बँट रहा है से ,
कि सम्मान भी किसी वस्तु की तरह बँटता है
फिर फिर अपने को दे की तर्ज पर ।
पारितोषिक साधन है सामान्यतः
किसी की जीविका का
पर पुरस्कार
पुरस्कार एक तिरस्कार है
किसी काम की खूबसूरती के साथ
अपना नाम जोड़ने का
सम्मान का अपमान
एक बड़े मंच पर की गयी जादूगरी
जिसका भेद कैद होता है पर्दे के पीछे
बड़ी कुशलता से मारे गए पंछियों में ।
पुरस्कार दिया जा रहा है या लिया जा रहा है
क्या सचमुच ये किसी के काम का कोई सम्मान है
कि उसे घोड़ों के साथ रेस में दौड़ा दिया जाये
या तय कर दी जाये कीमत खूबसूरत काम की
या बड़ा दी जाये उसके नाम की ।
उनके पास बहुत से हैं
जब उन्हे देने होंगे तो वो दे देंगे
किसी भी नाम से
जब उन्हे बांटने होंगे वो बाँट देंगे
किसी भी काम पर
वो राजा है स्व्यंसिद्ध
वो निर्णायक है महाभारत के
वो रचयिता है किसी की नियति के
और वास्तव में
वो ही हक़दार हैं सच्चे पुरस्कार के
कि देखते ही बनती है
जुगाड़ बैठाने वालों की कुशलता ।
अ से

No comments: