May 9, 2014

मुस्कराहट की शक्ल


और जब दो मिनट तक मेरी नज़रें नहीं हटी 

तो उस चेहरे पर एक मुस्कान तैर गयी 
जैसे रंगों की कुछ बूंदे पानी में फ़ैल गयी हों 
जिन्होंने दे दिया हो ख़ुशी को आकार 
उसे मालूम हो चूका था 
कोई उसके " औरा-मण्डल " में है 
उसकी कनखियाँ छत के कोनों की तरफ घूम गयी 
और उसके दायें हाथ की उंगलियाँ घूमने लगी !
अब उस मुस्कराहट की शक्ल थोड़ी सी बदल चुकी थी !!

अ-से 

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