Oct 10, 2014

आत्मा की बेड़ी


गंध उत्पन्न होती है अवसाद से
स्वाद जीभ की निश्चेतना है
रंग आँखों का धुंधलका है ,
और स्पर्श नाड़ीयों का दोष
ममता ह्रदय की कमजोरी है 
और आशा आत्मा की बेड़ी  !
एहसास चेतना की बेहोशी है
और आवाजें सुनाई देती है बहरों को
सामान्यतया कान ही उन्ही के होते हैं ।

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