A PATHLESS TRAVELER
Oct 17, 2014
पानी की आवाज़
ध्वनि
एक ठोस लहर के साथ प्रकट होती है
प्रकृति
गुनगुनाती है पानी की आवाज में
रस
कानों में घुलकर यादों की प्यास बुझाता है
प्रवाह
लहर लहर होकर भीतर तक रम जाता है !
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