A PATHLESS TRAVELER
Oct 9, 2014
आइना मुस्कुराया
उसने एक आईने को आइना दिखाया
आईने को देख आइना मुस्कुराया
आईने ने आईने को आइने में देखा
आईने ने आइने को आइना दिखाया
उस अनंत सुरंग में कुछ अनंत द्वार थे
हर एक के बाद वो फिर हर एक बार थे
आईने को आईने में अनंत नज़र आया
और आईने को देख कर आइना मुस्कुराया !
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment