एक दौड़ से निकल आए
और एक दौड़ आसार में है
बीते जमाने से जीते नहीं कुछ
फिर से किसी कतार में हैं
एक और दौर गुज़र गया बेरंग
नया दौर आया नहीं अभी
इतने दौरों से बच कर भी हम
बस जीने की कगार में हैं
नया दौर आया नहीं अभी
इतने दौरों से बच कर भी हम
बस जीने की कगार में हैं
हम खड़े हैं बेचने को हुनर
कीमत हमारे इश्तेहार में है
जीवन जीने में है जाने
या वक़्त के बाजार में हैं ,
कीमत हमारे इश्तेहार में है
जीवन जीने में है जाने
या वक़्त के बाजार में हैं ,
हम सफ़र कितने हैं यहाँ
फिर किसी के इन्तेजार में हैं ,
इश्क़ में संजीदा ले उसे कोई
दे दिये जाते इज़हार में हैं ।
अ से
फिर किसी के इन्तेजार में हैं ,
इश्क़ में संजीदा ले उसे कोई
दे दिये जाते इज़हार में हैं ।
अ से