सही लगे जिस भी लफ़्ज में तुमको ,
कह दो जो भी कहना हो आज ,
किसे खबर याद रहेगा कितना ,
अंदाज़ बरसती बातों का फिर ...
मौसम है माकूल तुम्हे तो ,
झूम लो दिल खोल के आज ,
किसे मालूम कल रहेगा कैसा
मिजाज तरसती रातों का फिर ...
निकल पड़ो क़दमों के रस्ते ,
दूर तलक जिस पर दिल कहे ,
किसे पता रखना था कब तक ,
हिसाब बदलती राहों का फिर ...
फिर किसी चाँद की ख्वाहिश कर ,
झिलमिलालो तुम भी तारों के साथ ,
किसे खयाल दिल को है कब तक ,
ऐतबार चमकती चाहों का फिर ...
अ से
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