Dec 3, 2013

kya kuch bhi nahi ??

हर बात के बाद एक बात है ख़ामोशी ,
अभी कुछ कहा जाने को है ,
या शायद कुछ नहीं ....

हर शब्द के बाद एक शब्द है मौन ,
कुछ तो मतलब है ,
या कुछ भी नहीं ....

तुम हंस कर जाने को हो ,
हम अब तक सोच में हैं ,
क्या , कुछ बीत गया ,
या कुछ भी नहीं ....

अभी और वक़्त है ,
कोई भी मुकाम आने में ,
कह दो कुछ और ,
की बात बदल जाए ....

यूँ ही बहते रहें ,
और जज़्बात बदल जाएँ ,
रुक जाओ कि ,
अभी बहुत लम्बा है सफ़र ...

क्या , कुछ अंजाम है ,
कहानी का मेरी ,
या ये भी एक कहानी ही है
और कुछ भी नहीं ...

< अ-से >

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