A PATHLESS TRAVELER
Nov 17, 2013
कोई चाहे उसे कहानी कहे
कोई चाहे उसे कहानी कहे
बेबस दो आँखों के पानी सा वो
अपनी ही धुन में खोया रहा
अपने ही लहू की गुमनामी सा वो
फिर किसी शायर ने कुछ लफ्ज कहे
और यूँ किसी ने समझा उसे
पथरायी कोई मूरत ना समझो उसे
टूट चुके दिल की एक सूरत सा वो
अ से
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