Sep 1, 2014

कला

(1)

उसने दिए मुझे 
कलम और कूँची 
और अपेक्षा की 
सृजन की ,
जैसा प्रकृति करती है 
जीवन और रस की भाषा में !

(2)

मुझे मिले कुछ शब्द
और मेरे हर ख्वाब हर भाव
हर वेदना को एक रंग
जिनसे रंगता रहा मैं अपने शब्दों को
और खाली पड़े केनवास पर
साकार होता रहा एक जीवंत चित्र !

(3)

बारिश में नहाकर
जब जमीन बुदबुदायी
तो उसके शब्दों से
नर्म दूब खिल आयी
जादू है किसकी आवाज़
जो भरती है जीवन इन चित्रों में !

(4)

अक्षरों से शब्द शब्दों से वाक्य
वाक्यों से सार
कौन है जो जोड़ता है
कोशिका संसार
जीवन से जीवन
जहान से जहान
दिल से दिल जोड़ता है
एक कलाकार महान !

अ से

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