Sep 19, 2014

सब कुछ अनायास



क्यों करते हैं हम वो जो हम करते हैं
बिना जाने की हम उसे करते हैं
बिना जाने कि हम उसे कर रहे हैं
बिना जाने की हम उसे क्यों कर रहे हैं
कई दफा जानते हुए भी पर ना चाहते हुए 
कई दफा जानते हुए और चाहते हुए भी अनायास ही !
नदी बहती है बहती रहती है कहाँ से आता है ये बहाव
कहाँ से उठती हैं लहरें हिलोरे भरते अथाह समुद्र में
और हवा वो किसकी तलाश में भटकती फिरती है !
संवेग ,
संवेगों का गणित , संवेगों का घटित , संवेगों का आपतित
सब कुछ अनायास
और अनायास होते हुए भी सायास , संवेगों के लिए
और हमें लगता है जैसे हमारा प्रयास
जबकि सब कुछ अनायास !
सब कुछ अनायास
जैसे बारिश में दिल का मौसम नम हो जाना
प्रेयसी की याद आते ही जहां का रिक्त हो जाना !
जैसे गांडीव
और उसका प्रकट होना
हाथ में अर्जुन के शर आना
और लक्ष्य सध जाना सब अनायास
गांडीव
जिसकी प्रत्यंचा की टंकार मात्र से
उठते हैं ऐसे संवेग
की झड़ जाते हैं पत्ते बूढ़ी शाखों से
पंख पंछियों के और हिरन दौड़ने लगते हैं इधर उधर
सब अनायास
की जितने क्षण तक साधता है अर्जुन निगाहें लक्ष्य पर
उतनी ही खिंचती है प्रत्यंचा पीछे तक
और उतना ही एकत्र और पुष्ट हो जाता है वेग उसका
पर हर तीर के आगे चलता है एक त्रिशूल
और छिन जाता है लक्ष्य भेद का पुरस्कार उससे
छिन जाता है लक्ष्य भेद का आरोप भी उससे !
एक लक्ष्य है हर किये जा रहे कार्य का
एक लक्ष्य है हर घटित हो रही क्रिया का
हर ना हो रही क्रिया
और ना किये जा रहे कार्य का भी
है एक लक्ष्य
और सब कुछ जो होता है
वो होता है उसी एक लक्ष्य के लिए
हालाँकि वो लक्ष्य कुछ करता नहीं है
पर वो लक्ष्य प्रेरणा है
हालाँकि वो लक्ष्य प्रेरणा है
पर वो लक्ष्य हासिल होने के उद्देश्य से नहीं है
वो है क्यूँकी वो है
इसमें कोई विकल्प नहीं है
ना ही कोई तर्क काम करता है
क्यूंकि हर संकल्प विकल्प और तर्क वितर्क का
हर युद्ध और हर अंतर्द्वंद का लक्ष्य भी वही है
वही एक लक्ष्य !
जो हुआ जो होगा जो हो रहा है
हो रहा है
एक उद्देश्य से
एक उद्देश्य से प्रेरित
एक उद्देश से कार्यान्वित
फिर भी निरुद्देश्य
हो रहा है सब अनायास ही
जो हुआ था वो महत्वपूर्ण नहीं है
जो होगा वो महत्वपूर्ण नहीं है
जो हो रहा है वो भी महत्त्वपूर्ण नहीं है
फिर भी सब कुछ महत्वपूर्ण है
फिर भी सब कुछ महत्वपूर्ण है जो हो रहा है
क्यूंकि मैं हूँ क्यूंकि तुम हो क्यूंकि हम हैं वहाँ !

अ से 

1 comment:

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर प्रस्तुति !
आज आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा अप्पकी रचनाओ को पढ़कर , और एक अच्छे ब्लॉग फॉलो करने का अवसर मिला !


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