दिल के एक अलग आले में , दुनिया से दूर
जहां पहुँच ना सके कोई कभी
मैं चाहता हूँ रखना तुझे ।
मैं देखना चाहता हूँ , चेहरा तेरा
बिना लिपे पुते , बिना कोई शक्ल बनाए
ताकि मैं देख सकूँ
खिलती हुयी मुस्कान
रोशनी के सफहों से लिखी हुयी
मद्दम मद्दम
बदलते हुये रंगों को
देखना चाहता हूँ
प्रकृति की अद्भुत कूँची
अटखेलियाँ करते हुये भावों को
तेरे चेहरे पर
हर लकीर को मुड़ते हुये
आँखों में कैद कर लेना चाहता हूँ
हर सफ़हा तेरी खुशी का ।
बिना लिपे पुते , बिना कोई शक्ल बनाए
ताकि मैं देख सकूँ
खिलती हुयी मुस्कान
रोशनी के सफहों से लिखी हुयी
मद्दम मद्दम
बदलते हुये रंगों को
देखना चाहता हूँ
प्रकृति की अद्भुत कूँची
अटखेलियाँ करते हुये भावों को
तेरे चेहरे पर
हर लकीर को मुड़ते हुये
आँखों में कैद कर लेना चाहता हूँ
हर सफ़हा तेरी खुशी का ।
स्मृति के एक अलग कोष में , खुद से भी दूर
जिसे धुंधला ना सकूँ मैं भी
मैं चाहता हूँ रखना तुझे ।
जिसे धुंधला ना सकूँ मैं भी
मैं चाहता हूँ रखना तुझे ।
मैं सोचना चाहता हूँ , तुझे हर लम्हा
बिना किसी विचलन , पूरी जिंदगी का समय लेकर
ताकि मैं देख सकूँ
तेरे दिलखुश अंदाज़
स्वर्ग की नम बारिशों में
तेरा रक्स
तुझे छूकर जाती हवा के साथ
प्रकृति के सबसे भंगुर सबसे कोमल चित्रों को
उसके सौ रूपों में
कैद कर लेना चाहता हूँ
स्मृति में तुझे
खुद को पूरी तरह से भुलाकर ।
बिना किसी विचलन , पूरी जिंदगी का समय लेकर
ताकि मैं देख सकूँ
तेरे दिलखुश अंदाज़
स्वर्ग की नम बारिशों में
तेरा रक्स
तुझे छूकर जाती हवा के साथ
प्रकृति के सबसे भंगुर सबसे कोमल चित्रों को
उसके सौ रूपों में
कैद कर लेना चाहता हूँ
स्मृति में तुझे
खुद को पूरी तरह से भुलाकर ।
अ से
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