फुटपाथ पर --
वो बूढ़ी है और लंगड़ाती है यहाँ हर रोज़
अखबार बेचने को ।
थकी हुयी और चूर
वो पसर जाती है उसके अतिरिक्त ढेर पर
और चली जाती है नींद में ।
गुजरने वाले
इतने आदी हैं इसके कि वो देखते भी नहीं उसको
और वो , रहस्यमय और जादूगरनी की तरह बड़बड़ाती ,
छिपा जाती है कि उसे क्या मिलना चाहिए ।
अखबार बेचने को ।
थकी हुयी और चूर
वो पसर जाती है उसके अतिरिक्त ढेर पर
और चली जाती है नींद में ।
गुजरने वाले
इतने आदी हैं इसके कि वो देखते भी नहीं उसको
और वो , रहस्यमय और जादूगरनी की तरह बड़बड़ाती ,
छिपा जाती है कि उसे क्या मिलना चाहिए ।
On the Pavement --- vladimir holan
No comments:
Post a Comment