Jan 6, 2015

If you forget me -- Pablo Neruda


अगर तुम भूल जाती हो मुझे -- पाब्लो नेरुदा
मैं चाहता हूँ तुम्हें पता हो एक बात ।
तुम जानती हो कैसा है ये ,
जैसे मैं देखूँ काँच सा चाँद ,
या कोई लाल शाख धीमे पतझड़ में अपनी खिड़की पर ,
जैसे मैंने छूयी हो समीप आग , अस्पर्शय राख़
या झुर्रीदार सूखी शाख ,
सबकुछ ले जाता है मुझे तुम तक
जैसे कि सब कुछ जिसका अस्तित्व है ,
गंध , रौशनी , धातुएँ ,
वो सब छोटी छोटी नाव हों जो बहती हैं
तुम्हारे उन टापुओं की ओर जो मेरी प्रतीक्षा में हैं ।
फिर भी ,
अगर धीरे धीरे तुम बंद कर देती हो प्यार करना मुझे
मुझे भी बंद कर देना चाहिए तुम्हें प्यार करना धीरे धीरे
और अगर अचानक
तुम भूल जाती हो मुझे
मैं देखूंगा भी नहीं
कि मैंने भुला दिया होगा ।
अगर तुम सोचती हो इसे
पागलपन या दूर की कौड़ी
ये हवाएँ संदेशों की
जो गुजरती है मेरे जीवन से होकर
और तुमने तय कर लिया है
छोडना मुझे किनारे पर
उस दिल के जहां मेरी जड़ें हैं
सोचना
उसी दिन
उसी समय पर
मैं खड़े कर दूँगा हाथ
और छोड़ दूँगा अपनी जड़ें
तलाशने को कोई और जमीन ।
पर
अगर हर दिन हर पहर
मैं महसूस करता हूँ
तुम्हारा किस्मत में होना
अतिशय मधुरता के साथ
अगर हर दिन जाता है
एक फूल , तुम्हारे होठों तक , तलाश में ,
तो ओ मेरी प्रिय , ओ मेरी अपनी
मुझमें वो सारी आग फिर से जल उठेगी
मुझमें वो कुछ भी बुझा या बीता नहीं है
प्रिय , मेरा प्यार
तो पोषित होता है तुम्हारे प्यार पर
और जब तक तुम हो
ये रहेगा तुम्हारी बाहों में
बिना मेरी बाहों से समाप्त हुये !

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