एक लड़की ने आप से पूछा : कविता क्या है
तुम उस से कहना चाहते थे : तुम भी , ओह हाँ , तुम ,
और जो डर और आश्चर्य में हैं ,
जो साबित करता है चमत्कार को ।
मैं जलता हूँ तुम्हारी भरी हुयी सुंदरता से
और क्यूंकि मैं तुम्हें चूम नहीं सकता ना ही सो सकता हूँ तुम्हारे साथ ,
और क्यूंकी मेरे पास कुछ भी नहीं है और जिसके पास कुछ नहीं है देने को
उसे गुनगुनाना चाहिए ...
पर तुमने कहा नहीं ये , तुम खामोश रहे ,
और उसने सुना नहीं ये गीत ।
तुम उस से कहना चाहते थे : तुम भी , ओह हाँ , तुम ,
और जो डर और आश्चर्य में हैं ,
जो साबित करता है चमत्कार को ।
मैं जलता हूँ तुम्हारी भरी हुयी सुंदरता से
और क्यूंकि मैं तुम्हें चूम नहीं सकता ना ही सो सकता हूँ तुम्हारे साथ ,
और क्यूंकी मेरे पास कुछ भी नहीं है और जिसके पास कुछ नहीं है देने को
उसे गुनगुनाना चाहिए ...
पर तुमने कहा नहीं ये , तुम खामोश रहे ,
और उसने सुना नहीं ये गीत ।
-- व्लादिमीर होलान
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