Jan 9, 2015

in the lift --- vladimir holan

मुलाक़ात एक लिफ्ट में
हमनें लिफ्ट में कदम रखे ,
हम दो , अकेले ।
हमने देखा एक दूसरे की ओर और बस इतना ही । 
दो जिंदगियाँ , एक लम्हा , परिपूर्णता , सुख ।
पांचवे माले पर वो बाहर निकल गयी और मैं जाता रहा ऊपर ।
जानते हुये मैं नहीं देख पाऊँगा उसे फिर कभी
कि यह एक मुलाक़ात थी एक बार की और बस हमेशा की
कि यदि मैंने उसका पीछा किया
मैं हो जाऊंगा एक मृत आदमी की तरह उसके रास्ते में
और यदि वो लौट आती है मुझ तक
तो ये आना केवल होगा दूसरी दुनिया से !
-- व्लादिमीर होलान

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