A PATHLESS TRAVELER
Mar 18, 2014
प्रेम ही जड़त्व है ...
प्रेम ही जड़त्व है ,
भारीपन से भर जाते हैं लोग ,
प्रेम ही अन्धकार है ,
पार देखते ही डर जाते हैं लोग ,
प्रेम अवसाद है ,
बुझे बुझे मर जाते हैं लोग ,
प्रेम अंधा बहरा गूंगा , उ म म का दलदल ,
डूबते उबरते खिर जाते हैं लोग !!
अ-से
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