Nov 7, 2014

एक चित्रकार निचोड़ लाता है एक विहंगम दृश्य ...


एक चित्रकार
निचोड़ लाता है एक विहंगम दृश्य ,
छद्म और सतत सतरंगी समतल से,
अपनी सरल दृष्टि से ,
घंटो एकटक देखता है मूर्तिमान होकर ,
और केनवास पर उतर आता है एक जीवंत रस ,
उस जहाँ से भी जहाँ पहुँच है सिर्फ कल्पनाओं की !
एक कवि ,
निचोड़ लाता है एक गहरा रिश्ता ,
भावनाओं के सागर तल से ,
अपने सरल हृदय से ,
उतने अंधेरे तक भी जाकर जहाँ नहीं पहुँचती रौशनी कभी ,
दृश्यों से शब्द और शब्दों से मन ,
वो निचोड़ लाता है ज़हन से कुछ चुनिन्दा नज़्म ,
ताकि बने रहें रिश्ते सार्थक और जीवंत ,
शब्दों और अर्थों के बीच ॥
एक संगीतकार ,
निचोड़ लाता है एक सुरीला रास्ता ,
अनंत आकाश के शब्द पटल से ,
अनगिनत ध्वनियों के बेतरतीब
सामूहिक नृत्य की भूलभुलैया से ,
एक सुलझा हुआ वास्ता
जिस पर ले जाए जा सकते हैं ,
दो कान और एक दिल ॥
गुनाह है नींबू कसकर निचोड़ना ,
जब बाहर आ जाती है कड़वाहट ,
जबकि निचोड़ना कला है ,
कला , जिसे जानकर ही ,
कहलाती है मानव सभ्यता विकसित,
और रसास्वादन
कार्य है संयम और मधुरता का
स्वयमेव मिलते हुये में
संतुष्टि बनाए रखने की कला !
एक प्रेमी की तरह ,
जो निचोड़ता है , समय के अथाह भण्डार से ,
जीने के लिए दो पल ,
और भीतर के असीम समुद्र से , दो नमकीन बूँदें ,
और रसता रहता है जिसे
फिर सदियों तक !
अ से

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