अगर ये* एक विस्फोटक की उत्तेजना से बाहर नहीं आती
हर बात के बावजूद
तो रहने दीजिये ,
हर बात के बावजूद
तो रहने दीजिये ,
जब तक ये स्वतः ही नहीं उभर आती
तुम्हारे दिल से तुम्हारे मन से तुम्हारी जबान से
और तुम्हारे अंतस से
तो रहने दीजिये ,
तुम्हारे दिल से तुम्हारे मन से तुम्हारी जबान से
और तुम्हारे अंतस से
तो रहने दीजिये ,
अगर तुम्हे घंटों तक बैठना पढ़ता है
अपनी कंप्यूटर स्क्रीन में नज़रें गड़ाये
या अपने टाइप राइटर पर कमर झुकाए
शब्दों की तलाश में
तो रहने दीजिये ,
अपनी कंप्यूटर स्क्रीन में नज़रें गड़ाये
या अपने टाइप राइटर पर कमर झुकाए
शब्दों की तलाश में
तो रहने दीजिये ,
अगर आप ये करते हैं पैसे के लिए
या नाम के लिए
तो रहने दीजिए ,
या नाम के लिए
तो रहने दीजिए ,
अगर आप ये कर रहे हैं क्योंकि
स्त्रीयों को आप अपने बिस्तर पर चाहते हैं
तो रहने दीजिये ,
स्त्रीयों को आप अपने बिस्तर पर चाहते हैं
तो रहने दीजिये ,
अगर आप को एक जगह बैठकर
लिखे हुए को बार बार सुधारना पढ़ता है
तो रहने दीजिये
लिखे हुए को बार बार सुधारना पढ़ता है
तो रहने दीजिये
अगर ये करने की सोचना आपको मुश्किल लगता है
तो रहने दीजिये
अगर आप किसी और की तरह लिखने की कोशिश कर रहे हैं
तो भूल जाइए ,
तो रहने दीजिये
अगर आप किसी और की तरह लिखने की कोशिश कर रहे हैं
तो भूल जाइए ,
अगर आप को इसके गरज कर बाहर आने के लिए इंतज़ार करना पढता अहै
तो चैन से इंतज़ार कीजिये ,
अगर ये गरज कर बाहर नहीं आती
तो कुछ और कीजिये ,
तो चैन से इंतज़ार कीजिये ,
अगर ये गरज कर बाहर नहीं आती
तो कुछ और कीजिये ,
अगर आप को पहले ये दिखाने का मन है
आपकी पत्नी प्रेमी प्रेमिका दोस्त या माँ बाप को
या किसी को भी
तो अभी आप तैयार नहीं हैं ,
आपकी पत्नी प्रेमी प्रेमिका दोस्त या माँ बाप को
या किसी को भी
तो अभी आप तैयार नहीं हैं ,
बहुतों की भीड़ का हिस्सा मत बनिए
उन हज़ारों लोगों में से एक मत बनिए
जो अपने आप को लेखक कहते हैं ,
कुछ भी हल्का बकवास मत लिखिए जो मन को ना भाये ,
उन हज़ारों लोगों में से एक मत बनिए
जो अपने आप को लेखक कहते हैं ,
कुछ भी हल्का बकवास मत लिखिए जो मन को ना भाये ,
या जिसका अंदाजा लगाया जा सके
आत्म मुग्धता में मत डूबिये
विश्व भर के पुस्तकालय उबासियाँ ले लेकर सो चुके हैं
इस तरह की लिखाई पर ,
उसका वजन मत बढ़ाइए
रहने दीजिये ,
आत्म मुग्धता में मत डूबिये
विश्व भर के पुस्तकालय उबासियाँ ले लेकर सो चुके हैं
इस तरह की लिखाई पर ,
उसका वजन मत बढ़ाइए
रहने दीजिये ,
जब तक की ये किसी रोकेट की तरह बाहर नहीं आती
आपकी आत्मा की जमीन से
जब तक की इसे रोक कर रखना
आपको पागल नहीं कर देता
आपको मरने मारने पर उतारू नहीं कर देता
रहने दीजिये ,
आपकी आत्मा की जमीन से
जब तक की इसे रोक कर रखना
आपको पागल नहीं कर देता
आपको मरने मारने पर उतारू नहीं कर देता
रहने दीजिये ,
जब तक की आपके भीतर का प्रकाश
आपके अंतःकरण को प्रकाशित नहीं कर देता
रहने दीजिये ,
आपके अंतःकरण को प्रकाशित नहीं कर देता
रहने दीजिये ,
जब इसका सही समय होगा
और आप इसके निमित्त चुने जाओगे
तब ये खुद ही रोशनी में आ जायेगी
और ये रोशन रहेगी
जब तक आप नहीं मर जाते या ये आप में नहीं मर जाती ,
और कोई तरीका नहीं है
और कभी नहीं था !
और आप इसके निमित्त चुने जाओगे
तब ये खुद ही रोशनी में आ जायेगी
और ये रोशन रहेगी
जब तक आप नहीं मर जाते या ये आप में नहीं मर जाती ,
और कोई तरीका नहीं है
और कभी नहीं था !
* writing , लिखाई
So you want to be a writer ? .... by Charles Bukowski
So you want to be a writer ? .... by Charles Bukowski
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