Feb 8, 2014

विश्वसाघात :1


ये तेरी छाँव सी जुल्फें ,
जिसमें से छन कर आती है रौशनी ,
Photo: ये तेरी छाँव सी जुल्फें ,
जिसमें से छन कर आती है रौशनी  ,
ये तेरा चाँद सा उफ्फाक चेहरा , 
अँधेरे को मद्धम चाँदनी बख्शता  ,
रस-ओ-गुल से भरे तेरे लब ,
हूँ उतरता डूबता तेरी मौज-ए-इश्क में ,
की इन बाहों में समेट लूं तुझको ...

" मुझे ख़ुशी है की तुम्हे मुझसे इतना इश्क है  , 
अब जब तुम पिता बनने वाले हो इसके ,
तो फक्र है कि मैंने तुमसे मुहब्बत की "

क्या ? कब ? किसका ? ओह ... 

" कहाँ जा रहे हो ? "

अब बचा क्या है यहाँ , ना हूर , ना नूर , 
मुझे इश्क था एक नाजनी से ,
एक जवाँ शोखी से ...
मैं नहीं देख सकता तुझे एक माँ ,
और नहीं झेल सकता किसी को ,
मा मा मा करके रोते हुए !!

< अदना >
ये तेरा चाँद सा उफ्फाक चेहरा ,
अँधेरे को मद्धम चाँदनी बख्शता ,
रस-ओ-गुल से भरे तेरे लब ,
हूँ उतरता डूबता तेरी मौज-ए-इश्क में ,
की इन बाहों में समेट लूं तुझको ...

" मुझे ख़ुशी है की तुम्हे मुझसे इतना इश्क है ,
अब जब तुम पिता बनने वाले हो इसके ,
तो फक्र है कि मैंने तुमसे मुहब्बत की "

क्या ? कब ? किसका ? ओह ...

" कहाँ जा रहे हो ? "

अब बचा क्या है यहाँ , ना हूर , ना नूर ,
मुझे इश्क था एक नाजनी से ,
एक जवाँ शोखी से ...
मैं नहीं देख सकता तुझे एक माँ ,
और नहीं झेल सकता किसी को ,
मा मा मा करके रोते हुए !!

< अ-से >

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