Feb 5, 2014

नृत्य करता संसार

घूमता पंखा ,
चौराहे के चारों और दौड़ते वाहन ,
विधुत प्रवाह ,
धधकते कोयलों से दौड़ते इंजन ,
प्रकृति की शक्तियां भी कितनी रोचक हैं ...

सूर्य पृथ्वी चाँद ,
विशालकाय पिंड ,
अति भार ,
आसानी से घूम रहे हैं ,
अनुशासित ,
नियत ,
अनवरत ...

सूर्य का अद्भुत प्रकाश ,
अग्नि ,
वायु का प्रचंड तेज ,
जल ,
गति मान दृश्य ,
सतत परिवर्तन ,
भीषण और मृदु ...

ई और इ
अक्ष के दो घुमाव ,
वामावर्त और दक्षिणावर्त ,
एक में प्राणों का प्रवाह अधो ,
दूसरे में ऊर्ध्व ...


आत्म आधार ,
आधार का भी आधार ,
अविचल ....


विस्तार ,
सम्पूर्ण ,
असीम ...


आनंद ,
सम्पूर्ण आत्म में आकाश में फैला हुआ ...

अक्षर
मूल इकाई ,
स्थिर ,
ठोस ,
सनातन ,
कितना शक्त संसार ...

मात्र
चेतना की सन्निधि ,
और नृत्य करता संसार !!

< अ-से >

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