घूमता पंखा ,
चौराहे के चारों और दौड़ते वाहन ,
विधुत प्रवाह ,
धधकते कोयलों से दौड़ते इंजन ,
प्रकृति की शक्तियां भी कितनी रोचक हैं ...
सूर्य पृथ्वी चाँद ,
विशालकाय पिंड ,
अति भार ,
आसानी से घूम रहे हैं ,
अनुशासित ,
नियत ,
अनवरत ...
सूर्य का अद्भुत प्रकाश ,
अग्नि ,
वायु का प्रचंड तेज ,
जल ,
गति मान दृश्य ,
सतत परिवर्तन ,
भीषण और मृदु ...
ई और इ
अक्ष के दो घुमाव ,
वामावर्त और दक्षिणावर्त ,
एक में प्राणों का प्रवाह अधो ,
दूसरे में ऊर्ध्व ...
अ
आत्म आधार ,
आधार का भी आधार ,
अविचल ....
आ
विस्तार ,
सम्पूर्ण ,
असीम ...
म
आनंद ,
सम्पूर्ण आत्म में आकाश में फैला हुआ ...
अक्षर
मूल इकाई ,
स्थिर ,
ठोस ,
सनातन ,
कितना शक्त संसार ...
मात्र
चेतना की सन्निधि ,
और नृत्य करता संसार !!
< अ-से >
चौराहे के चारों और दौड़ते वाहन ,
विधुत प्रवाह ,
धधकते कोयलों से दौड़ते इंजन ,
प्रकृति की शक्तियां भी कितनी रोचक हैं ...
सूर्य पृथ्वी चाँद ,
विशालकाय पिंड ,
अति भार ,
आसानी से घूम रहे हैं ,
अनुशासित ,
नियत ,
अनवरत ...
सूर्य का अद्भुत प्रकाश ,
अग्नि ,
वायु का प्रचंड तेज ,
जल ,
गति मान दृश्य ,
सतत परिवर्तन ,
भीषण और मृदु ...
ई और इ
अक्ष के दो घुमाव ,
वामावर्त और दक्षिणावर्त ,
एक में प्राणों का प्रवाह अधो ,
दूसरे में ऊर्ध्व ...
अ
आत्म आधार ,
आधार का भी आधार ,
अविचल ....
आ
विस्तार ,
सम्पूर्ण ,
असीम ...
म
आनंद ,
सम्पूर्ण आत्म में आकाश में फैला हुआ ...
अक्षर
मूल इकाई ,
स्थिर ,
ठोस ,
सनातन ,
कितना शक्त संसार ...
मात्र
चेतना की सन्निधि ,
और नृत्य करता संसार !!
< अ-से >
No comments:
Post a Comment