किताबें खुल चुकी हैं
अब बाहर आने लगे हैं वो ...
किरदार ,
जिनको कवियों ने बनाया है
अमर ...
बीता हुआ सब एक बीज में बदल जाता है ,
और चेतना के स्पर्श मात्र से वो बीज वृक्ष बन जाता है ,
जैसे एक लिंक को क्लिकते ही पूरा पेज खुल जाता है ,
जैसे एक विचार के आते ही पूरा स्वप्न बदल जाता है ...
वैसे ही किताबों के खुलने से बाहर आने लगे हैं वो ....
< अ-से >
अब बाहर आने लगे हैं वो ...
किरदार ,
जिनको कवियों ने बनाया है
अमर ...
बीता हुआ सब एक बीज में बदल जाता है ,
और चेतना के स्पर्श मात्र से वो बीज वृक्ष बन जाता है ,
जैसे एक लिंक को क्लिकते ही पूरा पेज खुल जाता है ,
जैसे एक विचार के आते ही पूरा स्वप्न बदल जाता है ...
वैसे ही किताबों के खुलने से बाहर आने लगे हैं वो ....
< अ-से >
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