Feb 17, 2014

घडी : 2

एक घडी है बहुत बड़ी ,
उसमें कांटे हैं ढेर सारे ,
एक मौसम-ओ-मिजाज़ का ,
एक हकीक़त -ओ- ख्वाब का ,
एक साल दर साल का
एक दिन-ओ-रात का ,
और भी कई ,
हर पलक-ओ-पहर के !!

~ अ-से

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