जो हँसते थे बात बात पर
उन्हें हँसता छोड़ आया
जो रोते थे बात बात पर
उन्हें रोता छोड़ आया

और खो जाते थे
बाहर नहीं आते थे कभी
सो जाते थे
भरे हुए थे सभी
यूँ अपने ही सवालों से
सुनते भी थे मुझे
तो अपने ही हवालों से
छोड़ने निकला सूखे अफ़सोस
और छोड़ आया जहां
बाकी रह गए कुछ मासूम
बिखरे हुए यहाँ वहाँ !!
अ से
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