बाहर धूप चमक रही है परतों पर
भीतर मिट्टी नम है दूब लगी हुयी
एक पौधा है हमेशा हरी कोंपलों वाला
जो पनपता है बस अन्दर की और
एक फल है जिसके रेशे और खोल के भीतर
ताजगी है जल है और मिठास भरी हुयी
जमीन के भीतर भी एक है आकाश
जहाँ हवा है पानी है और रोशनी भी
और कुछ लोग हैं जो बंद करके दरवाजे
बैठे रहते हैं खिडकियों के पास आँखें मूंदे !!
अ-से
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