Apr 10, 2014

क ने कहा ख ने सुना ...


क ने कहा खामोशी 

ख ने कान लगा दिए 
और वो शोर हो गयी ! 

क ने कहा प्रेम 
ख ने तौबा समझा 
और वो चोरी हो गयी !

क ने कहा आस ना रखना 
ख अवसाद में आ गया 
आशावाद लिखने लगा !

क ने कहा संन्यास
ख आलसी हो गया
संन्यास का मायना बेवकूफी !

क अब कहता ही नहीं कुछ
ख अब भी अर्थ गढ़ता है
कभी डर कभी अकड़ और कभी अक्षमता !

ख का क्या है वो शून्य की भी व्याख्या कर सकता है
और अच्छाई को भी कमजोरी समझ सकता है !!

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