समुद्र के बीच एक टापू है जहाँ अक्सर बारिश होती है
वहां कोई वर्षा वन नहीं बल्कि हरियाली और घास के मैदान हैं
घास कहीं ऊंची लम्बी भी है तो कहीं नर्म दूब सी भी
वहां कोई उल्कापात नहीं होते ना ही कोई धूमकेतु कभी गिरा है
बस समुद्र के तूफ़ान और छोटे मोटे भूकंप कभी कभी
वहां बसने वालों जीवों को बैचैन कर देते हैं
पर फिर वो ही शांति लहरों का शोर और सुहानी हवाएं ...
कुछ इंसान भी हैं जो सारी दुनिया से जान बूझ कर अनजान
वहां अपना छोटा सा जहां बसाए रखते हैं
दुःख अफ़सोस और यादों की बस्तियों से दूर
वो वहाँ प्रकृति के गीत गाते जीवन का उत्सव मनाते
अतीत की सूखी लकड़ियों को जलाकर उसके चारों ओर
वक़्त की लहरों पर पाँव साध कर ,
शाम से रात तक तरंगों के साथ नृत्य करते हैं ...
क्षितिज पर उगती सुबह के साथ जाग जाने वाले वो लोग
अपने बच्चों को कभी नहीं बताते जब तक कि वो खुद ना समझने लगें
की जो गए हैं वो चले गए हैं ना लौट के आने के लिए
अनंत समुद्र और आजाद हवा के बीच रहने वाले वो लोग
नहीं बोते शोक के बीज अपनी जमीन पे
और हर रात बेफिक्र सो जाते हैं
जानते हुए और खुशी खुशी स्वीकार कर
ये टापू उनका जहां उनका दिल
समा जाना है एक दिन इस समुद्र में इसकी लहरों में ...
वो वास्तव में इंतेज़ार में हैं उस दिन के !!
ईशान
वहां कोई वर्षा वन नहीं बल्कि हरियाली और घास के मैदान हैं
घास कहीं ऊंची लम्बी भी है तो कहीं नर्म दूब सी भी
वहां कोई उल्कापात नहीं होते ना ही कोई धूमकेतु कभी गिरा है
बस समुद्र के तूफ़ान और छोटे मोटे भूकंप कभी कभी
वहां बसने वालों जीवों को बैचैन कर देते हैं
पर फिर वो ही शांति लहरों का शोर और सुहानी हवाएं ...
कुछ इंसान भी हैं जो सारी दुनिया से जान बूझ कर अनजान
वहां अपना छोटा सा जहां बसाए रखते हैं
दुःख अफ़सोस और यादों की बस्तियों से दूर
वो वहाँ प्रकृति के गीत गाते जीवन का उत्सव मनाते
अतीत की सूखी लकड़ियों को जलाकर उसके चारों ओर
वक़्त की लहरों पर पाँव साध कर ,
शाम से रात तक तरंगों के साथ नृत्य करते हैं ...
क्षितिज पर उगती सुबह के साथ जाग जाने वाले वो लोग
अपने बच्चों को कभी नहीं बताते जब तक कि वो खुद ना समझने लगें
की जो गए हैं वो चले गए हैं ना लौट के आने के लिए
अनंत समुद्र और आजाद हवा के बीच रहने वाले वो लोग
नहीं बोते शोक के बीज अपनी जमीन पे
और हर रात बेफिक्र सो जाते हैं
जानते हुए और खुशी खुशी स्वीकार कर
ये टापू उनका जहां उनका दिल
समा जाना है एक दिन इस समुद्र में इसकी लहरों में ...
वो वास्तव में इंतेज़ार में हैं उस दिन के !!
ईशान
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