वो चिड़िया ,
आ जाती थी फुदकती हुयी ,
तुम्हे चैन से बैठा देखकर ,
बिना किसी डर के ,
और तुम डालते थे दाने ,
और वो मगन होकर चुगती रहती !
तुम भूल गए उसका फुदकते आना ,
तुम्हे याद रहे तुम्हारे दाने ,
और उसका आना ,
अब तुम दाने डाल चले जाना ,
और वो आदतन आ जायेगी ,
चुग लेगी दाना ,
दायें बायें देख देख कर ,
चुपचाप ,
और लौट जायेगी ,
खाली मन , पंख पसार !!
अ से
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