एक ख़ूबसूरत कविता पढ़िए .....
खो जाते किसी बच्चे की तरह मैं ,
जिसे हाथ पकड़ कर खींच लेते हैं वो ,
दुनिया के इस मेले में ,
जबकि अटकी रहती हैं मेरी नज़रें ,
चीजों पर , उदास ...
और कितना दुःख , जब वो खींच कर अलग कर देते हैं मुझे , उस सबसे !!
Juan Ramon Jimenez
खो जाते किसी बच्चे की तरह मैं ,
जिसे हाथ पकड़ कर खींच लेते हैं वो ,
दुनिया के इस मेले में ,
जबकि अटकी रहती हैं मेरी नज़रें ,
चीजों पर , उदास ...
और कितना दुःख , जब वो खींच कर अलग कर देते हैं मुझे , उस सबसे !!
Juan Ramon Jimenez
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