अगर स्त्रियोँ के पंख होते
तो वो कैद होती घरोँ मेँ
खाना बना रही होती
कपड़े धो रही होती
और सहला रही होती अपने पंखो की चोटेँ
वो तितलियोँ की तरह रंगती उन्हेँ और छुपा लेती निशान
अखबारोँ मेँ खबर होती फलाँ स्त्री के पंख काटे गये
सजाओँ मेँ इनका शुमार होता
आसमानोँ मेँ जाल होते
और बाजारोँ मेँ बिकते कुछ गरीब स्त्रीयोँ के पंखो के जोड़े
जो जल्दी समझा दी जाती हैँ
कि ये बेकार चीज है लादे रखने के लिये
कि कोई गला ना काट दे इनके लिये ।
अ से
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