शब्द खामोश हो जाते हैं ,
या उन्हें सुनने वाला कोई नहीं बचता ॥
कोई अँधेरा निगल जाता है सूरज की दिन भर की मेहनत ,
या सूरज साथ ले जाता है रौशनी ॥
सन्नाटे से डरते हैं मेंढक ,
या झींगुरो के साथ गाते हैं रात्रीगीत ॥
हवा को कौन बहा ले जाता है अपने साथ ,
खाली आकाश में वो किस से टकराकर शोर करती है ॥
रात भर की नींद के बाद ,
क्या बात करती हैं चिड़ियाएँ अल-सुबह ॥
किस धुन पर नाचते हैं सभी गृह नक्षत्र ,
किस क्रोध से धधकता है सूरज ॥
यादों की उम्र क्यों नहीं बढती वक़्त के साथ ,
बदबू और खराब होने पर खुशबू क्यों नहीं आती ॥
कहाँ रहता है आशिक़ बेवफ़ाई मिलने के बाद ,
कहाँ चले जाते हैं सपने आँख खुलने के बाद ॥
................................................अ-से अनुज ॥
या उन्हें सुनने वाला कोई नहीं बचता ॥
कोई अँधेरा निगल जाता है सूरज की दिन भर की मेहनत ,
या सूरज साथ ले जाता है रौशनी ॥
सन्नाटे से डरते हैं मेंढक ,
या झींगुरो के साथ गाते हैं रात्रीगीत ॥
हवा को कौन बहा ले जाता है अपने साथ ,
खाली आकाश में वो किस से टकराकर शोर करती है ॥
रात भर की नींद के बाद ,
क्या बात करती हैं चिड़ियाएँ अल-सुबह ॥
किस धुन पर नाचते हैं सभी गृह नक्षत्र ,
किस क्रोध से धधकता है सूरज ॥
यादों की उम्र क्यों नहीं बढती वक़्त के साथ ,
बदबू और खराब होने पर खुशबू क्यों नहीं आती ॥
कहाँ रहता है आशिक़ बेवफ़ाई मिलने के बाद ,
कहाँ चले जाते हैं सपने आँख खुलने के बाद ॥
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