Oct 16, 2013

उसी शब्द के मायने वाक्य बदलने पर बदल जाते हैं ,
ख़ामोशी भी एक ऐसा ही शब्द है ,
और तो और इसके मायने भी काफी गहरे और गंभीर होते हैं ॥

ताश के जोकर की तरह कहीं भी लगाया जा सकता है इसे भी ,
ये वो तुरुप का पत्ता है जो कभी भी चल सकता है ,
बस एक बार खुद को समझ आ जाएँ इसके सही मायने ॥

कहानी को सिर्फ शब्द ही मोड़ नहीं देते ,
ख़ामोशी भी बदल देती है ,
बुरी तरह से ,
और एक लम्बी ख़ामोशी ,
ले आती है एक ना लौटा सकने वाला बदलाव ॥

बहुत ही भारी शब्द है ये खामोशी ,
बैरंग होते हुए भी झिलमिलातें हैं कई रंग इसमें ,
ठीक सांझ की झील की तरह , घुलते लहराते नज़र आते हैं सतत रंग बिरंगे आकार इसमें ॥

इस शब्द में एक ख़ास बात है ,
हर कोई इसमें अपने ही मायने तलाशता है ,
इसलिए कई दफा ,
तुम्हे हो जाया करती है ग़लतफ़हमी ॥

मेरी इस ख़ामोशी को अपने बीच का अन्तराल ना समझना ,
ये तो भरी हुई है अनेकों रंग बिरंगी खट्टी मीठी कहानियों से ॥ ..................... अ से अनुज !!

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