Oct 16, 2013

अँधेरे की गति प्रकाश से भी तेज होती है , उसे कहीं भी जाने में समय नहीं लगता ॥
मन किसी भी फाइटर प्लेन से ज्यादा तेज उड़ता है ॥

जिज्ञासाएं अब उनकी बीमारी बन चुकी है ।
वो खोजते है प्रतिबंधित चीजों में सच और अंधेरों में चलाते हैं तीर ॥

साक्षात् को प्रमाणित करने की उनकी सनक जारी है ।
मिटटी के कणों में वो जीवन की तलाश करते हैं ,
और सभी जीव जंतु होते जा रहे हैं लुप्त ,
आत्म किसी घोस्ट की तरह डराता है उनको ॥

सच की सूरत और मूरत तलाशने की उनकी जिद चरम पर है ,
पथरीले सचों के बीच वो भूल चुके हैं सच शब्दमय भी होता है और उससे परे भी ,
मन भी सच है बुद्धि भी ह्रदय भी और अनुभूतियाँ भी ॥

उन्हें हर प्रश्न का जवाब चाहिए ,
और नए नए प्रश्न बनाने का कार्य भी जोरों पर है ,
प्रश्न की सार्थकता अब महत्वपूर्ण नहीं ,
महत्त्व है जवाबों को प्रमाणित करने का ॥

मूर्खता की नयी विमाओं को तय करता और उनमें शेष पूरे दमखम के साथ गति करता ,
मनुष्यता को लुप्त करता , बरगद्नुमा आधुनिक विज्ञान ॥ ......................... अ से अनुज ॥

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