
जहाँ वो रात घुसा था ,
तो उसने देखी एक अलग ही दुनिया ॥
बड़ा आश्चर्य चकित वो संभल संभल चलने लगा ,
बाहरी दुनिया पर नज़रें जमाये ,
पर कोई खतरा ना था ॥
अब उसे भूख लगी , वो ढूँढने लगा गाजरें ,
कुछ घंटो की मशक्कत के बाद उसने पाया एक खेत ,
खेत में खाने को बहुत कुछ था , और थी गाज़रें ,
बड़ी मीठी लगी , इतनी मीठी गाज़र उसने पहले कभी नहीं खायी थी ,
प्यास लगी , उसने देखा एक गड्डा , पानी से भरा ,
जैसे ही वो पीने लगा पानी , उसने देखा अपना चेहरा बैंगनी ,
उसे कुछ कुछ याद आ रहा था ,
कल तक वो कुछ सफ़ेद सा हुआ करता था ॥
खैर पानी पीकर वो लेटा एक पेड़ के नीचे ,
उसे नींद आ गयी ,
आँख खुली उसने पाया एक नया जहाँ ,
पर ये नया जहाँ उसकी पुरानी दुनिया थी , जहाँ वो सफ़ेद था ॥
अब वो सोच रहा था ,
की मैं वो था या ये हूँ ,
ये था की वो हूँ ,
मीठी गाज़रों का स्वाद अभी तक उसके मूँह में था ,
और वो बैंगनी अक्स ॥
.................. .............(.अ- ड्रीम ) .......................... अ-से अनुज ॥
(painting .... is of master artist Pablo Picasso)
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