मेरी यह रचना मेरे जीवन की सबसे बेहतरीन रचना होगी !!
इसका तयशुदा प्रारब्ध तय नहीं कहूँगा मैं ,
इसको इस रहस्यमय संसार में छोड़ दूंगा
अपने हाल पर अन्य अनगिनत कविताओं के बीच ॥
इसके भाव प्रकट नहीं करूँगा मैं ,
पर जब जब इसका स्वाध्याय होगा
प्रकट होंगे नए नए भाव गहराती जायेगी ये कविता ॥
मैं बताऊंगा पूरी सच्चाई है इसके लिखे हर शब्द हर कथन में
और मैं लिखूंगा इसमें जीवन के गूढ़ रहस्य भी ,
या तो बहुत ही आसान शब्दों में की कोई विश्वास ही न कर पाये ,
या फिर उसके समकक्ष बातें करके छुपा लूँगा की वो सच क्या है ॥
जहाँ लोग इसमें उद्देश्य तलाशते नज़र आयेंगे ,
वहाँ मैं इसे बनाऊंगा निरुद्देश्य ,
क्योंकि उद्देश्य अंत का निर्देश है
और मेरी यह कविता अंतहीन है ॥
मेरी ये रचना चिरंजीवी होगी ,
वक़्त के साथ बदलती इसकी तस्वीरें इसकी सराहना
जहाँ इसमें प्राण फूंकती रहेंगी ,
वहीँ वक़्त के साथ इसके शब्दों की
तत्सम तद्भव शक्लें बिगड़ती जायेगी ,
इसके अर्थ अपने मायने खो देंगे ,
और कुछ वक़्त को खो भी जायेगी ये गुमनामी के अंधेरों में ,
जहाँ ये खुद को पहचानने से इनकार कर देगी ,
पर ये मरेगी नहीं, बस कहीं और जा बसेगी
समय और अंतराल के किसी और बिंदु पर ॥
मेरी कविता का कोई पक्ष कमतर नहीं होगा ,
उन्हें मैं एक ही न्याय के तराजू पर तौल कर लिखूंगा ,
पर अपनी अपनी समझ के अनुसार ,
अपनी पसंद , अपने फायदों के लिए ,
लोग चुनेंगे अपना मनचाहा पक्ष ,
और बहस करेंगे , लम्बी लम्बी बहस ,
इस कविता के इतिहास से भी लम्बी ,
सदियों तक चलेंगे युद्ध और लड़ मरेंगे कई लोग ,
जब तक की कुछ वक़्त के लिए खो न जाए ये ,
कि फिर से शांति पनपे कि फिर से मिलकर रहें लोग
और फिर किसी को मिलेगी यह और फिर से होंगे पक्ष विपक्ष ॥
इसमें लिखूंगा मैं दुनिया की वास्तविक शक्ल
और रंग बिरंगे झूठे सपने भी ,
विश्वास करने वाले
दोनों पर विश्वास कर सपनों में उलझ जायेंगे ,
और संदेह करने वाले
वास्तविकता पर भी संदेह करने लगेंगे ॥
कुछ ऐसे कथन लिखे जायेंगे , जो व्यापक हैं ,
जिसमें होंगे सभी को अनुभव होने वाले मृदु और मार्मिक भाव ,
और होगी वो बातें जो सभी के भविष्य में घटती है ,
जिन्हें पढ़कर सभी को अपनी सी लगेगी ये कविता ॥
मेरी ये कविता किसी राजनीतिज्ञ की अपनी सत्ता बचाए रखने की भावना से लिखी जायेगी ॥
मैं न इसको अब ज्यादा लम्बा खीचूँगा
न मैंने इसको बहुत छोटा रखा है
न बहुत महत्व का न महत्वहीन ,
पर ये प्रयास रहेगा कि ये निरर्थक कविता सभी को अर्थवान लगे ,
और इसके शब्दों के दल दल में डूब कर रह जायें पीढ़ियाँ ,
और उन्ही के वक़्त के बलिदानों पर पोषित होती रहे ये अमर रचना ॥
मेरी यह रचना मेरे जीवन की सबसे बेहतरीन रचना होगी !!
अ से
इसका तयशुदा प्रारब्ध तय नहीं कहूँगा मैं ,
इसको इस रहस्यमय संसार में छोड़ दूंगा
अपने हाल पर अन्य अनगिनत कविताओं के बीच ॥
इसके भाव प्रकट नहीं करूँगा मैं ,
पर जब जब इसका स्वाध्याय होगा
प्रकट होंगे नए नए भाव गहराती जायेगी ये कविता ॥
मैं बताऊंगा पूरी सच्चाई है इसके लिखे हर शब्द हर कथन में
और मैं लिखूंगा इसमें जीवन के गूढ़ रहस्य भी ,
या तो बहुत ही आसान शब्दों में की कोई विश्वास ही न कर पाये ,
या फिर उसके समकक्ष बातें करके छुपा लूँगा की वो सच क्या है ॥
जहाँ लोग इसमें उद्देश्य तलाशते नज़र आयेंगे ,
वहाँ मैं इसे बनाऊंगा निरुद्देश्य ,
क्योंकि उद्देश्य अंत का निर्देश है
और मेरी यह कविता अंतहीन है ॥
मेरी ये रचना चिरंजीवी होगी ,
वक़्त के साथ बदलती इसकी तस्वीरें इसकी सराहना
जहाँ इसमें प्राण फूंकती रहेंगी ,
वहीँ वक़्त के साथ इसके शब्दों की
तत्सम तद्भव शक्लें बिगड़ती जायेगी ,
इसके अर्थ अपने मायने खो देंगे ,
और कुछ वक़्त को खो भी जायेगी ये गुमनामी के अंधेरों में ,
जहाँ ये खुद को पहचानने से इनकार कर देगी ,
पर ये मरेगी नहीं, बस कहीं और जा बसेगी
समय और अंतराल के किसी और बिंदु पर ॥
मेरी कविता का कोई पक्ष कमतर नहीं होगा ,
उन्हें मैं एक ही न्याय के तराजू पर तौल कर लिखूंगा ,
पर अपनी अपनी समझ के अनुसार ,
अपनी पसंद , अपने फायदों के लिए ,
लोग चुनेंगे अपना मनचाहा पक्ष ,
और बहस करेंगे , लम्बी लम्बी बहस ,
इस कविता के इतिहास से भी लम्बी ,
सदियों तक चलेंगे युद्ध और लड़ मरेंगे कई लोग ,
जब तक की कुछ वक़्त के लिए खो न जाए ये ,
कि फिर से शांति पनपे कि फिर से मिलकर रहें लोग
और फिर किसी को मिलेगी यह और फिर से होंगे पक्ष विपक्ष ॥
इसमें लिखूंगा मैं दुनिया की वास्तविक शक्ल
और रंग बिरंगे झूठे सपने भी ,
विश्वास करने वाले
दोनों पर विश्वास कर सपनों में उलझ जायेंगे ,
और संदेह करने वाले
वास्तविकता पर भी संदेह करने लगेंगे ॥
कुछ ऐसे कथन लिखे जायेंगे , जो व्यापक हैं ,
जिसमें होंगे सभी को अनुभव होने वाले मृदु और मार्मिक भाव ,
और होगी वो बातें जो सभी के भविष्य में घटती है ,
जिन्हें पढ़कर सभी को अपनी सी लगेगी ये कविता ॥
मेरी ये कविता किसी राजनीतिज्ञ की अपनी सत्ता बचाए रखने की भावना से लिखी जायेगी ॥
मैं न इसको अब ज्यादा लम्बा खीचूँगा
न मैंने इसको बहुत छोटा रखा है
न बहुत महत्व का न महत्वहीन ,
पर ये प्रयास रहेगा कि ये निरर्थक कविता सभी को अर्थवान लगे ,
और इसके शब्दों के दल दल में डूब कर रह जायें पीढ़ियाँ ,
और उन्ही के वक़्त के बलिदानों पर पोषित होती रहे ये अमर रचना ॥
मेरी यह रचना मेरे जीवन की सबसे बेहतरीन रचना होगी !!
अ से
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