कौन है यहाँ .... जब किसी की परछाई नहीं ..
कमरा हर ओर बंद हैं ... पर आहट देती रहती हैं ..
कौन है वो आवाजें .. जो पहचान नहीं देती ...
सुनना नहीं चाहता ... फिर भी सुनाई देती हैं ..
मैं जानता हूँ ... मेरे दिल की कमजोरी हैं ... जो कान लगाये रहती है ॥
एक बेखबर सा मैं ... एक खबर सा सब ..
मेरे अलावा कौन है ... जो खबर में भीड़ है ..
किस भीड़ में खोया .. किसको रहा हूँ सुनता ..
जब कोई खबर मुझको ...अब खुद की ही नहीं है ..
मैं जानता हूँ ... मेरे दिल की कमजोरी है .. जो भीड़ लगाये रहती है ॥
न चाहिए जब कोई ... एक दुनिया की है चाहत ...
कौन सी ये खला है ... जो प्यास जगाये रहती है ..
ख्वाहिशों में पलकर ... किसको रहा हूँ बुनता ..
अपनी ही समझ की चादर ... जब उधड़ी सी हुयी है ..
मैं जानता हूँ ... मेरे दिल की कमजोरी है ... जो आस लगाये रहती है ॥
...................................................................................अ-से अनुज ॥
कमरा हर ओर बंद हैं ... पर आहट देती रहती हैं ..
कौन है वो आवाजें .. जो पहचान नहीं देती ...
सुनना नहीं चाहता ... फिर भी सुनाई देती हैं ..
मैं जानता हूँ ... मेरे दिल की कमजोरी हैं ... जो कान लगाये रहती है ॥
एक बेखबर सा मैं ... एक खबर सा सब ..
मेरे अलावा कौन है ... जो खबर में भीड़ है ..
किस भीड़ में खोया .. किसको रहा हूँ सुनता ..
जब कोई खबर मुझको ...अब खुद की ही नहीं है ..
मैं जानता हूँ ... मेरे दिल की कमजोरी है .. जो भीड़ लगाये रहती है ॥
न चाहिए जब कोई ... एक दुनिया की है चाहत ...
कौन सी ये खला है ... जो प्यास जगाये रहती है ..
ख्वाहिशों में पलकर ... किसको रहा हूँ बुनता ..
अपनी ही समझ की चादर ... जब उधड़ी सी हुयी है ..
मैं जानता हूँ ... मेरे दिल की कमजोरी है ... जो आस लगाये रहती है ॥
...................................................................................अ-से अनुज ॥
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